मोहब्बत की राह पर
चुननी है राह कोई गर तो चुन लो राह मोहब्बत की। चलना है दूर गर, बहुत दूर तलक तो साथ लेके चलो उन्हें, जो पग पग साथ चले; सफ़र को मुकम्मल करें साथ मिल कर तुम्हारे। नफ़रत को चुना है जो कोई कभी उसे हासिल भी हुआ क्या है? कभी खुशी उससे दूर भागी तो…