तुझे अविराम चलना होगा
धारा के उलट प्रवाह में चलना होगा कष्टों कि पीड़ा को हंस के सहना होगा होगा दूर पर तुझे, क्षितिज तक पहुंचना होगा कस कमर तुझे अविराम चलना होगा तानों के कटु तीक्ष्ण घातक तीरों का पग पग घायल करती कुटिल चालों का करना है प्रतिकार तुझे शंखनाद करना होगा कस कमर तुझे अविराम चलना…