Category: हिन्दी कविता
जा आजाद करती हूं तुझे
जा आजाद करती हूं तुझे आज हर बंधन से अपने मोहब्बत से वो हर एक झूठे वादों से जो तूने किया था कभी मुझसे अपने हाथों में मेरा हाथ लेके । जा आजाद करती हूं तुझे में अपनी जिंदगी से अपने हर एक ख्वाबों से अपने हर सपनों से जो तुमने दिखाए थे कभी मुझे…
मैं बडी हो गई
हॉ मां में बडी हो गई हॉ मां मै बडी हो गई , तेरी नन्हि सि जान् अपने पैर् पर् खडि हो गई हॉ मां में बडी हो गई। ।।१।। तु बोलती थी सारे गम् दुर होजाए मेरे से (२) पर् देख् मां तेरी जाने से खुसि भि चलि गई देख् मां में बडी हो…
दीवाना कहता है जमाना मुझको
दीवाना कहता जमाना मुझको। परवाना पागल माना मुझको।। कौन सा वक्त चुनु तुम तक आने को। पल पल बीता जाए तुम्हें मनाने को।। हृदय हृदय टटोल लिया। मिला ना तेरा रोशन दिया।। कौन दिखाएं तेरा मार्ग। रटी रटाई दोहराए तेरी राग।। जोर-जोर हिलाकर जगाना मुझको। परवाना पागल माना मुझको…. प्रेम भरी वाणी में कैसे गाऊं।…
*”प्रथम पूज्य आराध्य गजानन”*
वक्रतुण्ड, हेरम्ब आपका,नित प्रति करते हम आराधन। ‘श्रीगणेश’प्रभु तुमसे होता,प्रथम पूज्य आराध्य गजानन।। भद्रकारिणी आय चतुर्थी , मोद मिले जब आप पधारे। मोद संग मोदक मिलते हैं , संकटनाशक संकट टारे।। भक्तों की आशा पूरी हो,कोविड भागे करता क्रंदन। श्रीगणेश प्रभु तुमसे होता,प्रथम पूज्य आराध्य गजानन १। कान बडे़, हम सबकी सुनते,आँखें…
तुझे अविराम चलना होगा
धारा के उलट प्रवाह में चलना होगा कष्टों कि पीड़ा को हंस के सहना होगा होगा दूर पर तुझे, क्षितिज तक पहुंचना होगा कस कमर तुझे अविराम चलना होगा तानों के कटु तीक्ष्ण घातक तीरों का पग पग घायल करती कुटिल चालों का करना है प्रतिकार तुझे शंखनाद करना होगा कस कमर तुझे अविराम चलना…