कदम बढ़ाता चल

पाना है अगर मंजिल कदम बढ़ाता चल,लाख आए वlधाएं रूक मत तु चल।कर्म से ही तकदीर बनता इसको कभी न भुल,मेहनत की पसीनो से धुल जाएंगे सारे धुल।बिना मेहनत से खाए तो शरीर न देता साथ,मेहनत से ही तकदीर बने यह तो पक्की बात।दृढ़ निश्चय से कर्म कर मिलेगा एक दिन फल,आज छाया अंधेरा तो…

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सत्य

थक कररुक करख़ामोश होकरतड़प तड़प कर कहांइतिहास लिखा जाता हैसोच करसमझ करनिरन्तर प्रयास कर के हीमंजिल पाया जाता हैचिल्लाकरबबाल मचाकरभ्रान्ति फैलाकरसिर्फ झूठ बोला जाता हैलाख कोशिश करझूठ का प्रलेप लगाकरसत्य का आधारगिराया नहीं जा सकता हैक्यों केसत्य सदैव सत्य होता है ।। तफिजुल

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वजह

वजह न पूछो जीने कि…!हम वेवजह ही जीते रहेदरिया पास हि था…किनारे में पानी ढूंढ़ते रहे ,वजह न पूछो रोने कि…!हम वेवजह ही रोते रहेहसीं तो आई ही थी..रोने कि लत लगते गए,वजह न पूछो पीने कि…!हम वेवजह पीते रहेपानी और सराव दोनों थेसराब से मोह लगते गए…!वजह पूछो न सो ने कि…!हम वेवजह ही…

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समय

सुनो सुज्ञानी जन कहूं मैं कर जोर,कौन बड़ा बलवान , इसमें होता है सोर।बड़ा कीमती समय है इसका न कोई मोल,समय रहते कर्म कर बंद तकदीरें खोल।समय से बड़ा ना कोई यहां समय बड़ा अनमोल,कद्र कर समय का इसको कभी न तोल।जो समय का मान रखे सदुपयोग इसका कर,कामयाबी उसकी कदम चूमे सफल होगा वह…

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मैं सत्य हूं मैं सत्य हूं,

मैं सत्य हूं मैं सत्य हूं,मैं समय का उद्घोष हूं,अज्ञानता की कौख में ज्ञान का हूंकार हूं।कमजोरीओ कि वीडियो को अपनी हुनर से काट दो,अपने अंदर के हर एक बुराई को साहस से छांट दो,कौन रोकेगा तुम्हें आसमान में उड़ने से,कर दो परे जीवन सारे गमों को, उनका प्रवाह तो निरंतर चलेगा,मैं वक्त से पहले…

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आज कितने अपरिचित हो

आज कितने अपरिचित लगते होवो हसी है वही नजाकतफिर भी अधूरे लगते होवो नटखट पन वही शरारतफिर भी पराये लगते होआज कितने अपरिचित लगते हो। वही नीला आसमान आजभी हैबारिस की बूंदे भी वही तो हैआज भी काली घटा देखमोर् थिरकती हैमिट्टी की खुश्बू ,सूरज की लालीसबकुछ तो पहले वाली हैफिर भी कितने अपरिचित लगतेहो…

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परम सत्ता

उसकी बस्ती में एक छोटा सा घर है मेरा,मुझे महलों का क्या करना ।जिसने पिया हो अमृत का प्यालाउसको मधुशाला का क्या करना ।मैं इश्क हूं जो कभी मरता नहींइश पल पल मरती दुनिया से मुझे क्या लेना।मिट्टी का शरीर एक दिन मिट्टी में मिल जाना है,दिन तारीख महीने साल हमसे सब छीन जाना है,अपने…

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दास्तां ने मोहब्बत

ग़म है क्यातुम्हे बताएं कैसेएसे या वैसेसोचता हूंअब जिया जाए केसेगम है क्या……..। संगे मर-मर केमदहोशी नेहमे मार डालाअब सोचते हैं हमतूम्हे चान्द बुलाएं केसेग़म है क्या…..। इन लहरों में हमखूद को तलाशते हैंअपनी कश्ती कोबार-बार संवारते हैंकभी तो तुम आओगेयै दिलासा दिल कोदिलाएं केसेग़म है क्या……। तोड़ना था अगर तुम्हेंदास्तां ने मोहब्बत कोदर दर…

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राष्ट्र भाषा

सबसे प्यारी, सबसे न्यारीहिंदी है राष्ट्र भाषा हमारी ।।कश्मीर से लेकर कन्याकुमारीहिंदी भाषा है संस्कृति हमारी ।।हमें है हर भाषाएं प्यारीपर हिंदी है जान हमारी ।।आसान होती संवाद हमारीजब कथा हिंदी पर कहते हैं।।गर्व है हमको राष्ट्र भाषा हमारीयह है जन-जन की दुलारी ।।लगे आसान वेद पुरान उपनिषदजब हिंदी भाषा में सुनते हैं हम।।कोई संसय…

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नारी

मैं हूं नारी ज्योति स्वरूप , घर आंगन को रोशन करती उस उजाले पर हक मेरा भी तो है, मैं हूं नारी ज्ञान स्वरूप, हर कर्तव्य को अच्छी सी निभाती , शिक्षा पाने के लिए बाहर कदम बढ़ाऊ उस पर हक तो मेरा भी है, मैं हूं नारी प्रेममयि , प्रेम से बांधे रखती हूं…

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