
धागे कटी पतंग के
कभी कभी दिल से दूर, अलग थलग,अकेले पड़ जाते हैं कई रिश्ते!न जाने कब अनजाने में हीहाथ से फिसल जाते हैं वो रिश्ते,जो कभी बेहद अज़ीज़ हुआ करते थे,दिल के करीब रहा करते थे!पर अचानक नहीं होता ये सब।कोई रिश्ता यूं ही फिसलता नहीं है हाथ से।किसी छोर से सरक जाती है मिट्टी,जो रिश्ते में…