इश्क

मेरी ज़िन्दगी मैं कभी कोईचमत्कार क्योँ नहीं होती?ऐसा क्या गुनाह हो गयामुझसे ए खुदा की तेरेरेहमत की बरसात नहीं होती?मोहब्बत, मोहब्बत को तरसते रहेअरमानो को दबाये रखा,शिकायत किसी से क्या करेंजब समंदर ने ही प्यासा रखा || ||सुना था प्यार दस्तक देती हैदिल मैं एक बार कभी ना कभीहम ने भी उस पल का बेसब्री…

Read More

सपना

आज नाजाने क्युं अजिव सि बेचनी हुई ,शायद ये तुम्हारे आने कि खुशी थी,पतानहीं कीया हुआ……….तुमसे मिलने के बाद सब कुछ थहम सा गयाआखें तरसती थी तुम्हें देखने के लिएलेकिन जो भी हुआ अछा हुआ……..पता नहीं तुम एसे क्यों आएअर आचानक से चले भी गयेलेकिन जो भी हुआ अछा हुआ……..क्या कुछ सोच ने लगी थी…

Read More

रिहाई

पहला सच्चा प्यार हो, राख़ के निचेआग सी सुलगते रहते होमेरे ख्यालों से दूर क्योँनहीं चले जाते हो?वक़्त बेवक़्त याद आ जाते होऐसे तड़पाके मुझे क्या पाते हो?जानती हूँ तुम किस्मत मैं नहीं होफिर भी तुमसे मोहब्बतकम नहीं होती.हसीं की नक़ाम कोशिश कर भी लूँआँखों की नमी कम नहीं होतीबोलो मैं कौनसीदिशा मैं जाऊं,जहाँ भी…

Read More

इमारत

इमारत बस इमारत नहीं होतेइनमें कुछउम्मीद, कुछ लगन कुछ जज्बा होते हैंमेहनत ओर मोहब्बत सेसज संवर कर जब एक दीवारअपने सर पे छत रखकरहमें पन्हा देती हैउसे इमारत कहते हैं महलों कि चाहत तुम्हें मुबारकअकसर हम जमीन पर लेटकरखिड़की से जब जिंदगी को तलाशते हैंसर्दी, गर्मी, बारिश आके हमेंगले लगाते हैंतुम्हें याद हो शायदइस धरती…

Read More

डिअर ज़िन्दगी

यह ज़िन्दगी है कई रंग दिखलाएगीकभी खुशियों का खजाना तोकभी गम का तहखना बन जाएगी |कभी नयी नबेली दुल्हन तो कभीबेवा की सुनी मांग बन जाएगी |ये ज़िन्दगी है कई चेहरे दिखाएगीकभी कान्हा की बांसुरी तो कभीनटराज की तीसरी आँख बनजाएगीये ज़िन्दगी है कई पड़ाव दिखाएगीकभी गीता का सास्वत सत्य तो कभीकुरान की पाक जुबानी…

Read More

बदल दिए हमने

बदल दिए है हमने अबनाराज होने का अंदाजरूठने के बजह सिर्फमुस्कुरा दिया करते हैं कोई समझता नहींदर्द ऐ अल्फाज हमारेबे बजह किसी कोदर्द दिया नहीँ करते समझ लेतेहै इरादा लोगों काकोई हुम् दर्द कंहा यहांकोई नाराज देख के खुस तोकोइ नाराज कर के। हुम् तो आंसुओं को भीसमझा दिया करते हैबजह बे बजह हमेनम न…

Read More

आंसू के अमृत

अकसर में यूंही रो लेता हूंआंसू को अमृत समझ कर पि लेता हूंखुशनसीब हूं मैंतलाश करता नहीं कहीं उसकोलोगों के चेहरों मेंउसे ढूंढ लेता हूंअकसर में यूंही रो लेता हूंआंसू को अमृत समझ कर पी लेता हूं मुस्कुराते उन पलों कोगुजरते देखा है हमनेगमों कोदास्तान बनते पाया है हमनेछोड़ो बेकार के इन बातों कोसिर्फ बातें…

Read More

‘रूमी’ को पढनेवाली लडकी

मुझे, तुम –किसी बेवफाई या जुदाई का किस्सा,न सुनाया करो;मैं किसी मेहबूब से नहीं,बल्की –मोहब्बत से मोहब्बत करती हूँ!मैं ‘रूमी’ को पढनेवाली लडकी हूँ,मैं तो –आसमान, मिट्टी, समन्दर, पहाड़चांदनी, दरिया, बारिश, हवा,यहां तक –पर-कटे परीन्दे में भी महब्बत कोपा लेती हूँ। मुझसे –वह दिवार या दिलों का खाक छाननाकाहाँ मुमकिन हुआ आज तक?मैं तो शदियों…

Read More

राम नाम

राम नाम अमृत करले पान,कांटा भी हो जाए पुष्प समान।कलयुग केवल नाम अधlरा,जपत जपत नर उतरही पारा।यह तो हमारी वेद है कहती ,कलयुग में नाम की गंगा बहती।इस गंगा में स्नान तू करले,मन का मैल साफ तू करले।जपले तू राम नाम दिन रात,वही बस जाएगा तेरे साथ।राम नाम धन लूटले मन,जपत चले जा रात हो…

Read More