
मोहब्बत – ऐ – तन्हाई
तनहाई से क्या रुसवा करनातनहाई में मुकद्दर सजती हैयूं तो लोग कहते हैं किहम तेरे बिन जी नहीं सकतेपर कुछ यादें जिन्दा रखती है न जाने किस गलतफहमी मेंयूं भटकते फिरते रहते हैंउनको अपना मानने लगेजो कभी हमारे थे ही नहींफिर भी उनपे ऐत ऐतबार करते हैं इस दिल की कस्ती मेंउनको सवार कर लियाजो…