भ्रम

मैंने कुछ देर उसके सिने में अपना चेहरा छिपा लिया। मेरे कोशिश नकरने पर भी उसकी धडकने, मेरे कान की परदे पर दस्तक दे रहीं थी। इस धुन को मै पहचानती हूँ! बडा पुराना सा राग है वह, मेरे तजुर्बे से भी पुराना! मैं स्थिर खडी रही, मेरी सांसों ने उसे हल्का फूले होने का…

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कर्मबिर

चलो चलो कर्मबिर यह कर्म करने का समय है,बहुत हुआ अच्छी बातों सिलसिला का अब कुछ कर दिखाने का समय है। झटक दो कोएले के कलंक को,अब हिरा बन निकल ने का समय है।बहुत जुझे तुम आंधी तूफान से,अब बरगद बन खड़े रहने का समय है। धूप बारिश का खेल में अब तो बिसाल गगन…

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मोहब्बत की राह पर

चुननी है राह कोई गर तो चुन लो राह मोहब्बत की। चलना है दूर गर, बहुत दूर तलक तो साथ लेके चलो उन्हें, जो पग पग साथ चले; सफ़र को मुकम्मल करें साथ मिल कर तुम्हारे। नफ़रत को चुना है जो कोई कभी उसे हासिल भी हुआ क्या है? कभी खुशी उससे दूर भागी तो…

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पुरुष

औरत होना आसान नहीँपर पुरुष होना क्या आसान हैकौन कहता है पुरुष पत्थर कीतरह शक्त होता है। पुरुषों के भी संवेदनाऐं होते हैंउनके भी जज्बात होते हैंउनमें भी ओरत की तरहसहनशीलता होती है। वह दिखाते नहीँ कभीजताते भी नहीँउनकी भी आखें नम् होती हैंऔर जिम्मेदारियाँ ताउम्रकहीँ ज्यादा ही होती हैं। हम ओरतों को लगता हैहम…

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वक्त

वक्त का भी एक वक्त होता हैजो गुज़र गया ओरजो आने वाली हैये जो वक्त गुजर रहि हैये भी मुकर्रर थाओ भी मुकर्रर हैजिसकी तुम्हें तलाश हैचंद फासले जरुर हैं वक्त से तुम्हारेजिसका तुम्हें भी एहसास हैवक्त भी तुमसेमिलने के लिए बेकरार हैजो हो रहा है उसे होने दोतकदीर बदलदे एसा कौन है यहांवक्त के…

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कैसे हो तुम ?

एक अरसे के बाद किसीनेपुछा “कैसे हो तुम ?” हमने थोडा मुस्कुराया और कहा ” देखो मुस्कराकरकहेते है, कोई गम नहीं । “बात बात पर खिलखिलानाहमारे आदत मे सामील है,मन ही मन सोचा,अंदर जो सन्नाटा हैबस कभी किसीको जताते नहीं.।छोटी छोटी बातों पर रोनाछोड ही दिया हमनेकभी आँखें नम हैतो छिपाते नहींखुशी के आँशु हैं…

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मंगल गीत गाओ

मंगल गीत गाओ …… !अभिनंदन गीत गाओ ..!घर आये दशरथ नंदनदीप मालिकाएं सजाओ .!दीपावली मनाओ …….! कांटों से कटे हैं बरस बरसनैना भी गये थे तरस तरसमैं रे लाल प्यास बुझाओसीने से मैं रे लग जाओदीपावली मनाओ…….! महलों कि ये उजयाली भीथी उजयाली अंधियारी सीहर आहट पर तुम ही तुम थेहर आहट पर तुम ही…

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वक्त कहां बुरा होता है

वक्त कहां बुरा होता हैबुरा तो में थाउस वक्त भी और आज भीबुराई को बुराबता ना पायारोया तब भीजब अनके खुशी में खुश हुआरोया आज भीजब अपने आपको तन्हा पायालिखकर कहां कोई आजाद हुआखामोशियों सेख़ामोश जुबां होती हैवक्त तो बेजुबान हैइनपर आखिर कोन तोहमत लगाया TAFIZUL

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मैं तेरे साथ खड़ी थी, मैं तेरे साथ खड़ी हूं

ये दुनिया चाहे कुछ भी कह ले तुझेपर मैं तो बस इतना कहूंगी किमैं तेरे साथ खड़ी थीजब तू जीत का परचम लहरातीअन्तिम लड़ाई लड़ने खड़ी थी,जीत का अन्तिम पड़ाव बस छूने बाली थी!मैं तेरे ही पास खड़ी थी, तेरे ही साथ खड़ी थी;तेरी खुशी में शामिल, तेरे लिए प्रार्थना करती!मैं तब भी तेरे साथ…

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क्या से क्या हो गये हम

इश्क की आग में हम दोनों कुद गये थे,आग की तपिश तो छू भी ना सकी तुम्हेंपर हम आज भी उस में जलकर खाक होते रहते हैं। इश्क के समंदर में हम दोनों डुब गये थे,तुम तो तैर कर किनारा कर गये,पर हम अब भी समंदर में किनारा ढूंढते रहते हैं । ख्वाबों के आगोश…

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