मंगल गीत गाओ

मंगल गीत गाओ …… !
अभिनंदन गीत गाओ ..!
घर आये दशरथ नंदन
दीप मालिकाएं सजाओ .!
दीपावली मनाओ …….!

कांटों से कटे हैं बरस बरस
नैना भी गये थे तरस तरस
मैं रे लाल प्यास बुझाओ
सीने से मैं रे लग जाओ
दीपावली मनाओ…….!

महलों कि ये उजयाली भी
थी उजयाली अंधियारी सी
हर आहट पर तुम ही तुम थे
हर आहट पर तुम ही आओ
दीपावली मनाओ…….!

घर आये मैं रे राम – लखन
चहक उठा है घर – आंगन
धन्य धन्य ओ जनक दुलारी
तुम रोम-रोम मैं रे बस जाओ
दीपावली मनाओ…….!

विशालकुमार विशाल
प्रतापगढ़ – राजस्थान

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