राम नाम अमृत करले पान,
कांटा भी हो जाए पुष्प समान।
कलयुग केवल नाम अधlरा,
जपत जपत नर उतरही पारा।
यह तो हमारी वेद है कहती ,
कलयुग में नाम की गंगा बहती।
इस गंगा में स्नान तू करले,
मन का मैल साफ तू करले।
जपले तू राम नाम दिन रात,
वही बस जाएगा तेरे साथ।
राम नाम धन लूटले मन,
जपत चले जा रात हो दिन।
अयोध्या सिरोमणी दसरथ नंदन,
सुनेंगे एक दिन तेरा ये वंदन।
महकेगा जीवन चंदन चंदन,
हृदय में बसेंगे बन के वो स्पंदन।
कट जाएंगे सारे माया बन्धन,
राम नाम से होगा जीवन ये धन्य।
प्रणति साहू
प्रोफेसर कालोनी रायपुर