मैं सत्य हूं मैं सत्य हूं,

मैं सत्य हूं मैं सत्य हूं,
मैं समय का उद्घोष हूं,
अज्ञानता की कौख में ज्ञान का हूंकार हूं।
कमजोरीओ कि वीडियो को अपनी हुनर से काट दो,
अपने अंदर के हर एक बुराई को साहस से छांट दो,
कौन रोकेगा तुम्हें आसमान में उड़ने से,
कर दो परे जीवन सारे गमों को, उनका प्रवाह तो निरंतर चलेगा,
मैं वक्त से पहले जीत का यलगार हूं।
आत्म उन्नति के पथ पर होगी लाखों कठिनाइयां,
अपनी वजूद को तोड़ोगे कभी कभी साथ छोड़ेगी परछाइयां,
समय की मांग है यह बदलना है खुद को तो,
आंसुओं को मोती बना ले क्योंकि सिंहासन पर बैठने को अब मैं तैयार हूं।
मैं सत्य हूं मैं सत्य हूं,
मैं समय का उद्घोष हूं,
पुरानी इमारतें टूटेंगे नहीं शिखर का निर्माण होगा,
न्याय धर्म की नीभ पर उसका सारा आधार होगा,
जो समय का परिवर्तन करदे मैं वही किरदार हूं।
मैं सत्य हूं मैं सत्य हूं,
मैं सत्य हूं मैं सत्य हूं।

अल्पना
झारसुगुड़ा

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