सफर बड़ा मुश्किल रहा
सफर बड़ा मुश्किल रहा
पर जीत इसी में है के
आज तक में रुका नहीं,
लाख छोटे खाई मगर मैं टूटा नहीं,
कुछ मिला कुछ खौया,
कुछ मीटा कुछ बना,
पर मैं कहीं छुपा नहीं।
किसी को क्या खबर मेरे मेहनत , मेरे जज्बे की,
लोग तो बदल जाते हैं
बदलते हालातो पर,
पर मैं बदला ऊंचाइयों के लिए
दूसरों के लिए मैं बदला नहीं।
कुछ ख्वाब आज भी अधूरे हैं
कुछ रहे अभी हैं गुमनाम
पर अनजान राहों से मैं कभी डरा नहीं।