थक कर
रुक कर
ख़ामोश होकर
तड़प तड़प कर कहां
इतिहास लिखा जाता है
सोच कर
समझ कर
निरन्तर प्रयास कर के ही
मंजिल पाया जाता है
चिल्लाकर
बबाल मचाकर
भ्रान्ति फैलाकर
सिर्फ झूठ बोला जाता है
लाख कोशिश कर
झूठ का प्रलेप लगाकर
सत्य का आधार
गिराया नहीं जा सकता है
क्यों के
सत्य सदैव सत्य होता है ।।