हॉ मां में बडी हो गई
हॉ मां मै बडी हो गई ,
तेरी नन्हि सि जान् अपने पैर् पर् खडि हो गई
हॉ मां में बडी हो गई। ।।१।।
तु बोलती थी सारे गम् दुर होजाए मेरे से (२)
पर् देख् मां तेरी जाने से खुसि भि चलि गई
देख् मां में बडी हो गई। ।।२।।
किस् किस् से भिख मांगु तेरी प्यार कि (२)
जो तु अधुरा देके चलिगई
तुझे याद् करके कुछ् नहीं वस् आंसु हि बेहेती रही।
देख् मां तेरी बेटी अब बडी हो गई। ।।३।।
दूनिआ पत्थर समझति हे मुझे (२)
जौ तेरी बात् आनेसे में नजरअंदाज करती रही
अब क्या समझाऊ इस दूनिआ को, कि तेरी याद आने से ये आंसू रुकती नहीं।
हॉ मां मैं बडी हो गई। ।।४।।
एक दिन् कि बात् हिं क्या करू (२)
जो तेरे संग बिताये हर् एक पल् याद करती रही
कमरै के एक् हिं कोने मैं तेरी तस्बिर पकड़कर,
रात् से दिन् गई पर् मै एसी हिं रोती रही।
पर् छोड् मां मैं बडी हो गई। ।।५।।
तुझे हर् दिन् याद् करते करते पंद्रह साल् बित् गई (२)
पर् कोई बात् नेहिं मां ,
तू जाते जाते मुझे बोहत् कुछ् सिखागई।
देख् मां मैं बडी हो गई (२)
तेरी नन्हि सि जान् अपने पैर् पर् खडि हो गई
मैं बडी हो गई , हॉ मां मैं बडी हो गई. ।।६।।
सुचरिता षडंगी
सम्बलपुर