यह ज़िन्दगी है कई रंग दिखलाएगी
कभी खुशियों का खजाना तो
कभी गम का तहखना बन जाएगी |
कभी नयी नबेली दुल्हन तो कभी
बेवा की सुनी मांग बन जाएगी |
ये ज़िन्दगी है कई चेहरे दिखाएगी
कभी कान्हा की बांसुरी तो कभी
नटराज की तीसरी आँख बनजाएगी
ये ज़िन्दगी है कई पड़ाव दिखाएगी
कभी गीता का सास्वत सत्य तो कभी
कुरान की पाक जुबानी बन जाएगी|
यह ज़िन्दगी है कई सुरु दिखलाएगी
कभी पहली मुस्कुरूहाट तो कभी
आख़री सांस बन जाएगी|
हसीन इत्तेफ़ाक़ तो कभी गहरी चाल
बनजायेगी, ये ज़िन्दगी है
कई रंग दिख लाएगी
सुश्री संगीता