जा आजाद करती हूं तुझे आज हर बंधन से
अपने मोहब्बत से
वो हर एक झूठे वादों से
जो तूने किया था कभी मुझसे
अपने हाथों में मेरा हाथ लेके ।
जा आजाद करती हूं तुझे में
अपनी जिंदगी से
अपने हर एक ख्वाबों से
अपने हर सपनों से
जो तुमने दिखाए थे कभी मुझे
हमारे प्यार का वास्ता देके।
हां मानती हूं कि तुम्हे कभी भूल न पाऊंगी
हां जानती हूं जो घावों दिए हैं तुमने बेवफाई के
न कभी भर पाऊंगी, न कभी मिटा पाऊंगी
मगर आखरी बार ही सही ये जरूर कहूंगी
न कभी कुछ बुरा चाहा था मैंने
तुम्हारा न अब चाहूंगी
बस यही दुआ करूंगी
चाहे जितनी भी की हो तूने बेवफाई मेरे साथ
खुदा तुझे हमेशा सच्चा प्यार से नवाजे
और जो दर्द दिया है तुमने मुझे
खुदा वो दिन तुझे कभी न दिखाएं
हां पता है,मेरी हर एक आंसू,
हर सिसक में बस तुम्ही हो
मेरी हर बेचैन रातों की वजह बस तुम्ही हो
पर चिंता मत करो भनक किसको लगने न दूंगी
इतनी काबिल हूं अभी भी खुदको संभाल हीं लूंगी ।
मगर याद रखना तुम भी जरूर
मैं भाबुक हूं मगर कमजोर नहीं
माना बिखरी हूं जरूर पर अभी टूटी नहीं ।
अनन्या बेहेरा